Objective of Ticket Checking -
1. To ensure that every person travelling by Railway or entering railway premises has proper pass, ticket or an authority.
2. To ensure that tickets are issued as per prescribed rules.
3. Whether the accountal of tickets has been done properly or not.
4. To prevent leakage of railway revenue.
5. To increase earnings of railway.
6. To prevent corruption, frauds and embezzlements.
Types of Checks:-
1. Sectional Check: This check is arranged on a particular section for three days, or a minimum of
24 hrs., covering all trains. Ticket checking Staff is deputed in each coach of each train to ensure that no person is travelling without ticket or with irregular ticket therein. After the completion of check a report is prepared with following particulars:-
a. Total staff utilized.
b. Number of trains checked.
c. Number of passengers found without ticket.
d. Total amount recovered during the check.
e. Amount recovered through court.
f. Number of passengers imprisoned by the court.
g. Booking window earnings for the day of check, for the previous three days and corresponding days of last week.
2. Concentrated Spot Check:-This check is arranged at a station or spot concentrating large no of Staff, which includes Ticket Checking Staff, GRP, and RPF. Duration of check is 24 hrs. All passengers in the trains halting at that station will be checked. After the completion of check a report is prepared with following particulars:-
a. Total number of staff utilized.
b. Total number of trains checked.
c. Number of passengers without ticket
d. Total amount recovered during check.
e. Amount recovered through court.
f. Number of passenger imprisoned by the court.
g. Booking window earnings for the day of check, for the previous three days and corresponding days of last week. If the percentage of ticket less and other irregular travel is more than 3%, then that spot is declared as a Bad Spot. Prior to that it is mandatory to conduct three similar checks.
3. Employee Replacement Check: - This check is arranged with a view to judge the efficiency of ticket checking staff of a particular station. This check is conducted between two stations of a division. This check is conducted at those stations where ticket checking staff fails to achieve the requisite standard of earnings laid down. After completion of check a report is prepared in which the
working of station staff is compared.Similarly, Inter-Division checks are also arranged.
4. Magistrate Check: - This check is arranged with the help of magistrate with a view to effectively check ticket less travel. The persons apprehended are being tried and disposed off by the magistrate on the spot. After completion of check, a detailed report is submitted to DCM and a copy is given to the Magistrate.
5. Fortress Check: - In this check the entire station is condemned off, so that no person could exit from any place other than the authorised gates. In this check adequate Ticket Checking staff, GRP, RPF, and volunteers are deputed. On the basis of report of these checks, unauthorized entry gates are closed and number of Checking staff can be increased according to requirement.
6. Ambush check - This check is conducted to stop the misuse of Alarm chain Pulling. Ticket Checking Staff, GRP, RPF, & others railway employee are deputed in Civil dress on the spot where misuse of Alarm chain is often done. According to section 141 legal action will be taken against the passenger found misusing Alarm chain and passengers detraining at the spot.
7. Surprise Check by Road - Where it is known that ticket less or irregular travel is on a higher side or is done with connivance of staff, Ticket Checking Staff, RPF, GRP are taken by road to that particular spot and surprise check is conducted on a particular train. Secrecy is maintained about programme of this check.
8. Mid-Section Check: - This is a surprise check conducted by the Head Quarter Ticket Checking Squad in mid-section. The Ticket Checking Staff working in the train are replaced by the Head Quarter Ticket Checking Staff and rechecking is done. If irregularities are detected in working of TTE or Conductor, a report is submitted.
9. Massive Operational Checks: - These checks are conducted over a radius of 80 kms against ticket less and irregular travel for a duration of 3 to 6 days. The following checks are conducted over the area to be covered -
a. Check in running trains
b. Spot Check
c. Road Check
d. Ambush Check
e. MagistrateCheck
Services of 2 to 3 magistrates should be taken for disposal of cases under Railway Act 1989. Earnings of booking window should be recorded to show the impact of check over the area in which checks were conducted.
टिकट जाँच के प्रकार
1. सेक्शन जाँच: यह जाँच किसी विशिष्ट सेक्शन में चलने वाली सभी गाडियों के लिए तीन दिन की अवधि या कम से कम 24 घंटे के लिए आयोजित की जाती है। प्रत्येक गाडी के हर डिब्बे में टिकट जाँच कर्मचारी यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किये जाते हैं, कि कोई भी व्यक्ति बिना टिकट या अनियमित टिकट के साथ यात्रा न करे। जाँच पूरी होने के बाद रिपोर्ट बनाई जायेगी, जिसमे निम्नलिखित विवरण लिखे जायेंगे :-
a. कुल कार्यरत कर्मचारी।
b. जाँच की गई गाडियों की संख्या।
८. बिना टिकट यात्रियों की संख्या।
d. जाँच के दौरान वसूल की गई रकम।
e. कोर्ट व्दारा वसूल की गई रकम।
f. कोर्ट व्दारा जेल में भेजे गये यात्रियों की संख्या।
g. जाँच के दिन, पिछले तीन दिन तथा पिछले सप्ताह के उन्हीं दिनों का टिकट खिडकी का अर्जन।
2. सघन स्थल जाँच यह जाँच किसी स्टेशन / स्थान पर बडी संख्या में कर्मचारियों को एकत्र कर आयोजित की जाती है, जिसके अंर्तगत टिकट जाँच कर्मचारी, जी.आर.पी. तथा आर.पी.एफ. को सम्मिलित किया जाता है। जाँच की अवधि 24 घंटे होती है। उस स्टेशन पर रुकने वाली सभी गाडियों में सभी यात्रियों के टिकटों की जाँच की जाती है। जाँच समाप्ति के बाद निस्रप्रकार से रिपोर्ट बनायी जाती हैं -
a. कुल कार्यरत कर्मचारी।
b. जाँच की गयी गाडियों की संख्या।
c. बिना टिकट यात्रियों की संख्या।
d. जाँच के दौरान वसूल की गई रकम।
e. कोर्ट व्दारा वसूल की गई रकम।
f. कोर्ट व्दारा जेल में भेजे गये यात्रियों की संख्या।
g. जांच के दिन, पिछले तीन दिन तथा पिछले सप्ताह के उन्हीं दिनों का टिकट खिडकी का अर्जन।
यदि बिना टिकट तथा अन्य अनियमित यात्रा का प्रतिशत 03% से अधिक है तो, उस स्थान को खराब स्पॉट घोषित किया जायेगा। उससे पहले एकही तरह की जाँच तीन बार करना आवश्यक होता हैं।
3. कर्मचारी अदला-बदली जाँच किसी विशिष्ट स्टेशन के टिकट जाँच कर्मचारियों की कार्यकुशलता
जाँचने के लिए इसको आयोजित किया जाता है। यह जाँच मण्डल के दो स्टेशनों के बीच आयोजित की जाती है। यह जाँच उन स्टेशनों पर आयोजित की जाती है, जहाँ निर्धारित अर्जन के मानक स्तर को प्राप्त करने में कर्मचारी असफल रहते हैं। जाँच के पश्चात एक रिपोर्ट बनायी जाती है जिसमें स्टेशन के कर्मचारियों के कार्य की तुलना की जाती है। इसी प्रकार से अंतर मंडल जाँच और अंतर क्षेत्रीय रेल्वे जांच भी आयोजित की जाती हैं।
4. मजिस्ट्रेट जाँच: यह जाँच बिना टिकट यात्रा प्रभावी रुप से रोकने के लिए मजिस्ट्रेट की सहायता से आयोजित की जाती है। गिरफ्तार व्यक्तियों से उसी स्थान पर पूछताछ करके मजिस्ट्रेट व्दारा मामलों को निपटाया जाता है। जाँच समाप्ति के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट मंडल वाणिज्य प्रबंधक को प्रस्तुत की जाती है, तथा मॅजिस्ट्रेट को भी इसकी एक प्रति दी जाती हैं।
5. किलाबंदी जाँच: इस जाँच में पूरे स्टेशन की घेराबंदी की जाती है, ताकि कोई भी व्यक्ति अधिकृत रास्ते को छोडकर अन्य मार्ग से बाहर न जा सके। इस जाँच में पर्याप्त टिकट जाँच कर्मचारी, आर.पी.एफ., जी.आर.पी. एवं स्वयंसेवकों को तैनात किया जाता है। इस जाँच की रिपोर्ट के आधार पर उस स्टेशन के अनाधिकृत रास्ते बंद किये जाते है। तथा आवश्यकता होने पर जाँच कर्मचारीयों की संख्या बढाई जा सकती है।
6. एम्बुश जाँच: खतरे की जंजीर का दुरुपयोग रोकने के लिए इस जाँच का आयोजन किया जाता है। टिकट जाँच कर्मचारी, आर.पी.एफ., जी.आर.पी. एवं अन्य रेल कर्मचारियों को साधे कपडो में उस स्थान पर तैनात किया जाता है, जहाँ पर हमेशा खतरे की जंजीर का दुरुपयोग किया जाता है। खतरे की जंजीर का दुरुपयोग करने वाले यात्री पर एवं उस स्थान पर उतरने वाले यात्रियों पर धारा 141 के अनुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
7. सडक मार्ग व्दारा अचानक जाँच - जहाँ यह माना जाता है कि, बिना टिकट या अनियमित यात्रा का प्रचलन अधिक है या कर्मचारियों की मदद से अनियमित यात्रा की जाती है, वहाँ टिकट जाँच कर्मचारी, आर.पी.एफ., जी.आर.पी. को निर्धारित स्थान पर बस व्दारा ले जाया जाता है एवं निर्धारित गाडी में अचानक जाँच की जाती है। इस जाँच का कार्यक्रम गोपनीय रखा जाता है।
8. मध्य सेक्शन जाँच: यह मुख्यालय टिकट जांच दल व्दारा मध्य सेक्शन में की जानेवाली अचानक जाँच है। गाडी के कार्यरत टिकट जाँच कर्मचारियों को हटाकर उनके स्थान पर मुख्यालय के टिकट जांच दल को कार्यरत किया जाता है और पुनः जाँच की जाती है। कार्यरत टी.टी.ई. या कंडक्टर के कार्य में कमियां पायी जाने पर रिपोर्ट की जाती है।
9. बडी सामूहिक जाँच: यह सामूहिक जाँच तीन से छः दिन की अवधि के लिए बिना टिकट एवं अनियमित यात्रा करने वाले यात्रियों के विरुद्ध 80 कि.मी. के घेरे में की जाती है। निर्धारित क्षेत्र में निम्नलिखित प्रकार की जाँच की जाती है
a. चलती गाडियों में जाँच
b. स्थान पर जाँच
C. सडक जाँच
d. एम्बुश जाँच
e. मजिस्ट्रेट जाँच
रेल अधिनियम 1989 के तहत मामलों को निपटाने के लिए दो से तीन मजिस्ट्रेटों की सेवाएं ली जानी चाहिए। जांच किए गए क्षेत्र में जाँच का प्रभाव दर्शाने के लिए टिकट खिडकी का अर्जन भी लिया जाना चाहिए।
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