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Disaster Management (आपदा प्रबंधन) & Golden Hour,

DISASTER MANAGEMENT

Disaster:

The term disaster may be defined as an occurrence or consequence leading to a mishap. It is an unusual incident which causes loss of life, injury, material damage, loss and distress.

Disaster in Railways is a serious train accident or an untoward event of grave nature due to natural or manmade cause that may lead to loss of many lives and grievous injuries to a large number of persons and severe disruption of traffic.

Management:

It is the skilful handling of affairs, art of getting things done through the available resources like man power, machines, material, money and experience within the least possible time.

Intelligent planning and prompt response to the needs of the passengers, sufficient and timely relief measures should be the watch word of disaster management.

Need for Disaster Management:

i. It is pro-active measure

ii. Dealing with unusual things need special skills, knowledge and training

iii. The mettle of an organization is revealed in a crisis. The quality of response after the disaster determines the credibility of the organization in the eyes of the public

iv. Dealing with critical incidents, complaints, grievances and accidents needs raining i.e. preparedness.

Causes for disasters in Railways:

1. Human failure.

2. Equipment failure

3. Natural Calamities

Golden Hours - Golden Period-Period up to first 60 minutes after disaster or accident / incident is called as golden hour or golden period after disaster is very crucial for saving life and reduce the consequential losses. Expeditious efforts in golden hour are very important in disaster management to reduce losses of human lives and property through rescue operations and other possible efforts.

Responsibilities of Commercial Department:

The Officers and staff are required to bestow special attention to the following aspects of relief operations.

On getting the information:

i. Collect details of accident and assess requirement for arranging relief measures.

ii. Withdraw sufficient amount from station under the authorization of Sr.DCM On reaching the site:

i. Render first aid to the injured passengers within golden hour.

ii. Arrange ambulances / private vehicles to shift the injured passengers to hospitals.

iii. Prepare a list of names and addresses with ticket numbers of casualties and convey the information to their kith and kin and to the control office.

iv. Arrange adequate refreshments, drinking water to the passengers of illfated train free of cost.

v. Take assistance of voluntary organizations like NCC, NSS, Scouts & Guides or any other recognized social organizations.

vi. Make arrangements for alternative transport for passengers.

vii. Open Assistance Booths for guidance of the passengers.

viii. Arrange porters free of cost to shift the luggage of passengers.

ix. Make necessary arrangements for refund of fares.

x. full refund for fare for the untraveled portion to be given if any alternate transport is not arranged

xi. Arrange ex-gratia payments to causalities.

xii. Collect belongings of the dead and injured passengers and hand over to the next kith and kin after satisfactory proof of ownership or hand over to RPF / GRP for further disposal.

xiii. Provide tarpaulins to protect passenger's luggage and parcels during the rainy season.

xiv. Arrange Phone facility for the passengers at free of cost and PA System with the help of S& T department.

xv. Arrange lighting at sight with the help of Electrical Department.

xvi. Dispose perishables as per section 84 / 85 of Railways act'1989.

xvii. Secure samples, marks on packages, seal cards of wagons etc. to facilitate settlement of claims.

xviii. Never leave the accident spot without informing the accident manager. Media Management Plan:

i. Inform CPRO immediately about the accident on priority.

ii. The first official available at the site should assess the situation and flash the information to the control or the nearest station.

iii. No information should be given to the media at the site untill GM / AGM / ADRM / CPRO reach the site.

iv. Senior most officers available at the site is only authorized to interact with media.

v. Depending on the seriousness of the accident, press and media will be taken to the site by suitable transport.

vi. An official videographer and photographer are allowed at the site to cover the accident.

आपदा प्रबंधन

आपदा :-

आपदा से तात्पर्य है, किसी अकस्मात होने वाली घटना या ऐसी अवस्था जो भविष्य में होने वाली दुर्घटना के परिणामों की ओर इंगित करता हो। यह एक ऐसी असंगत दुर्घटना है जिसके कारण मृत्यू, चोट, सामान का नुकसान आदि परिणाम स्वरूप सामने आते है। रेल्वे के संदर्भ में दुर्घटना से तात्पर्य गाडी की दुर्घटना, अनहोनी घटना, जिसे प्राकृतिक कारणो से टाला ना जा सके, या मानव निर्मित कारण जो किसी गंभीर नुकसान की ओर इंगित करता है।

प्रबंधन : -

आपदा प्रबंधन किसी घटना को संभालने की एक कला है, जो किसी स्थिती को उपलब्ध संसाधनों के पूर्ण ऊपयोग से निश्चित समय में नियंत्रित करने पर जोर देता है, फिर वे संसाधन मानव शक्ति, मशीन्स, सामान, पैसा, अनुभव आदि हो सकते है।

आपदा प्रबंधन की आवश्यकता

1. यह एक पूर्व सचेत रहने की प्रक्रिया है।
2. असाधारण/साधारण स्थितियों से निपटने के लिये विशेष योग्यता ज्ञान एवम प्रशिक्षण के साथ समंन्वय रखना।
3. संगठन की शक्ति का खुलासा, संकट के समय होता है। दुर्घटना के पश्चात प्रतिक्रिया की गुणवत्ता ही किसी संगठन की सामान्य जनमानस में छवि / विश्वसनियता कायम करती है।
4. दुर्घटना के बाद की स्थिति से निपटने के लिये प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

भारतीय रेल पर दुर्घटना के कारण

a) मानवीय त्रुटी
b) उपकरण में खराबी
c) प्राकृतिक आपदा

गोल्डन अवर

1. अभीघात (Traumatic Disaster) आपदा के बाद के प्रथम 60 मिनिटस तक के समय को "गोल्डन हॉवर" कहते है।
2. यह वही समय अंतराल होता है जब चोटिल/घायल को बचने/बचाने का ज्यादा मौका मिलता है।
3. गोल्डन हॉवर में ही सारे संसाधनो / प्रबंधन का यथोचित दक्षतापूर्ण उपयोग करके कई जानें बचायी जा सकती है।

वाणिज्यिक विभाग की जिम्मेदारियांः 
 अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत कार्यों के निम्नलिखित पहलुओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

जानकारी प्राप्त होने परः

1. पुरी दुर्घटना का ब्यौरा लेकर राहत उपायों की व्यवस्था के लिए आवश्यकता का आकलन करें।
2. सीनियर डीसीएम की अनुमति के साथ स्टेशन से पर्याप्त राशि की व्यवस्था करे।

घटना स्थल पर पहुंचने परः

1. गोल्डन आवर के भीतर घायल यात्रियों के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करें।
2. घायल यात्रियों को अस्पतालों में पहुंचाने के लिए एंबुलेंस निजी वाहनों की व्यवस्था करें /
3. घायलो की संख्या तथा उनके नाम और पते की सूची तैयार करें और उनके परिजनों और नियंत्रण कार्यालय को जानकारी दें।
4. दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के यात्रियों को पीने के पानी की निशुल्क मुफ्त में व्यवस्था करें।
5. एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स और गाइड्स या किसी अन्य मान्यता प्राप्त सामाजिक संगठनों जैसे स्वैच्छिक संगठनों की सहायता लें।
6. यात्रियों के लिए वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था करें।
7. यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए सहायता बूथ खोलना।
8. यात्रियों के सामान को स्थानांतरित करने के लिये पर्याप्त मात्रा मे हमालो की व्यवस्था करें
9. किरायों की वापसी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करे।
10. अगर किसी भी वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था नहीं की जाती है तो बुक किए गए यात्रा के लिए पूर्ण धनवापसी करे।
11. दुर्घटनाग्रस्त यात्रियो को अनुग्रह राशि के भुगतान की व्यवस्था करे-
12. मृत और घायलों के सामानों को सत्यापन के बाद उनके रिश्तेदारो को सौपना चाहिये अन्यथा आगे के निपटान के लिए आरपीएफ जीआरपी को सौपना चाहिये। /
13. बरसात के मौसम में यात्रियों के सामान और पार्सल की रक्षा के लिए तिरपाल प्रदान करें।
14. सीग्ग्रल एवं दुरभाष विभाग की सहायता से मुफ्त में यात्रियों के लिए फोन सुविधा और उद्घोषणा की व्यवस्था करें।
15. विद्युत विभाग की मदद से प्रकाश व्यवस्था की व्यवस्था करें।
16. रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 84/85 के अनुसार नाशवान पदार्थों का निपटान करना।
17. दावों के निपटान की सुविधा के लिए नमूनों, पैकेजों पर निशान, वैगनों के सील कार्ड तथा अन्य सबुत सुरक्षित रखे।
18. दुर्घटना प्रबंधक को सूचित किए बिना दुर्घटना स्थल को नहीं छोड़ें।

मीडिया प्रबंधन योजनाः

1. दुर्घटना के बारे में तुरंत CPRO को सूचित करें।
2. साइट पर उपलब्ध पहले आधिकारिक स्थिति का आकलन करना चाहिए और जानकारी को नियंत्रण कार्यालय एवं निकटतम स्टेशन को सुचित करना चाहिए।
3. जीएम/एजीएम/डीआरएम/एडीआरएम / सीपीआरओ साइट पर पहुंचने तक मीडिया को कोई भी सूचना नहीं दी जानी चाहिए।
4. साइट पर उपलब्ध वरिष्ठ अधिकारी केवल मीडिया के साथ बातचीत करने के लिए अधिकृत हैं।
5. दुर्घटना की गंभीरता के अनुसार प्रेस और मीडिया को उपयुक्त परिवहन व्दारा साइट पर ले जाया जाएगा।
6. एक आधिकारिक वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर को साइट पर दुर्घटना को कवर करने के लिए भेजा जाना चाहिये।


1 comment:

harsh917bhardwa said...
This comment has been removed by the author.
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