Fire Fighting Systems
Generally, there is a serious loss due to the occurrence of fire or fire, which is in the form of a loss / damage to human death and loss of life. The topic of the fire incident in the train or in the station is taken seriously. Jagruti Shivir is organized from time to time about this subject. Teaching of this subject in the training institutes is given to the respective railway employees. Fire engines in the various offices of the railway stations and in planned places and in the aircrafts of the trains, in the pantry, guard cabin and in the engine are kept. In such a way, the fire fighting equipment is kept in different offices in the railway premises. Different fire fighting machines are used to extinguish the fire of different nature.
It is of 3 types.
(1) water (APW)
(2) Carbon dye oxide (CO2)
(3) Dry Chemical (ABC, BC, DC)
Things to note
1. The validity of all fire extinguishers is of a fixed period, which must be written on each fire extinguisher. Before the due date of expiry fire extinguishers should be re-filled, keeping in mind the need to re-fill fire extinguishers before time.
2. From time to time, the method of using fire extinguishers should be explained to the railway workers to avoid fire.
3. There may be different reasons for the fire, information should be given according to these reasons.
4. Information about place of availability of fire extinguishers in the train, station and
on the railway premises should be displayed at suitable places..
5. Information about this subject should be given to all training institutes of Indian
Railways.
प्रथमोपचार
सामान्यतयः आगजनी या आग लगने की घटना से गंभीर नुकसान होता है, जो कि मानव मृत्यू एवम जानमाल की हानि / क्षति के रूप में सामने आता है। गाडी में या स्टेशन पर आग लगने की घटना को टालने के विषय को गंभीरता से लिया जाता है। समय समय पर इस विषय के बारे में जगरूकता शिबिर आयोजित किये जाते है। प्रशिक्षण संस्थानों में इस विषय का प्रशिक्षण संबंधित रेल कर्मचारियों को दिया जाता है। रेल्वे स्टेशनों के विभिन्न कार्यालयों तथा नियोजित स्थानों पर तथा गाडियों के वातानूकूल यानों में, पॅन्ट्रीकार में, गार्ड कॅबिन में तथा इंजिन में अग्निशमन यंत्रों को रखा जाता है। इसी प्रकार रेल परिसर में विभिन्न कार्यालयों मेंअग्निशमन यंत्रों को रखा जाता है। अलग अलग प्रकृति की आग बुझाने के लिये अलग अलग अग्निशमन यंत्रों को उपयोग में लाया जाता है।
यह 3 प्रकार के होते है।
(1) पानी (APW)
(2) कॉर्बनडाय ऑक्साइड (CO2)
(3) ड्राय कैमिकल (ABC, BC, DC) ध्यान देने योग्य बातें
1. सभी अग्नीशामक यंत्रों की वैधता एक निश्चित अवधि की होती है, जो प्रत्येक अग्रीशामक यंत्र पर लिखी होना आवश्यक है। तिथि समाप्ती के बाद अग्ग्रीशामक यंत्रों को री-फिल किया जाता है, इन को ध्यान में रखकर समय से पूर्व अग्नीशामक यंत्रों को री-फिल करवाना चाहिये।
2. समय समय पर रेलकर्मचारियों को आग से बचाव के लिये अग्नीशामक यंत्रों के उपयोग करने की पध्दति समझाया जाना चाहिये।
3. आग लगने के अलग अलग कारण हो सकते है, इन कारणों के अनुसार जानकारी दी जानी चाहिये।
4. गाडी में, स्टेशन पर तथा रेल परिसर में अग्नीशामक यंत्रों के उपलब्धता के स्थानों के बारे में सूचना जगह जगह पर लिखी होना चाहिये।
5. भारतीय रेल के सभी प्रशिक्षण संस्थानों में इस विषय की जानकारी दी जानी चाहिये।
FIRST AID :
All long distance passenger carrying trains are provided with First Aid Boxes containing essential medicines and dressing materials.
1. In addition, Augmented First Aid Boxes with wide range of medicines, disposable medical material, etc. have been provided with the TrainSuperintendents of Rajdhani / Shatabdi Express trains and Guards of other nominated trains.
2. The front line staff deployed on trains is trained in rendering First Aid.
3. Services of doctors travelling as passengers are utilized to attend to passengers who are in need of urgent medical assistance.
4. If a person falls sick during journey, a doctor can be called at the next stopping station where a Railway Doctor is available on payment of specified charges.
5. Trains can also make unscheduled halts, if necessary, at the stations enroute in emergencies.to provide medical assistance to the passenger.
6. Railway doctors at major stations are available on call basis. The Stations Masters have details of doctors, clinics & hospitals, both Government and Private, in the vicinity of the station, so that their services could also be availed, in emergencies.
प्रथमोपचार
किसी दुर्घटना के बाद गंभीर घायल या मामूली घायल व्यक्ति की जान को प्रथमोपचार देकर बचाया जा सकता है।
1. सभी लंबी दूरी की गाडियों में आवश्यक दवाओं तथा ड्रेसिंग सामग्री सहित प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स उपलब्ध कराए जाते है।
2. व्यापक श्रेणियों की दवाऐं, डिस्पोजेबल चिकित्सा सामग्री आदि के साथ एडवांस मेडिकल बॉक्स आदि को राजधानी/शताब्दी एक्स, के ट्रेन सुपरिंटेंडेंट के पास और अन्य नामित गाडियों में नामित कर्मचारी के साथ सप्लाय किया जाता है।
3. गाडी में तैनात रेल कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाता है।
4. विशेष परिस्थितियों में यदि यात्री के रूप में कोई डॉकटर यात्रा कर रहे है तब उनकी सहायता ली जा सकती है।
5. यदि कोई यात्री यात्रा के दौरान बीमार पड जाता है और सूचना गाडी में तैनात अधिकृत रेल कर्मचारी जैसे गार्ड या टीटीई को दी जाती है तब गाडी के अगले स्टॉपिंग स्टेशन पर डॉक्टर को बुलाया जा सकता है, किंतु डॉक्टर की निर्धारित फीस का भुगतान यात्री को करना होगा।
6. आपातकालीन परिस्थिती में आपातकालीन स्टेशनों पर गाडियों को रोका जा सकता है।
7. प्रथमोपचार किट में बेंडेज, पेन कीलर, बुखार-सर्दी की दवाई, महलम आदि होना चाहिये। कुछ लकडी की पट्टीयों भी होनी चाहिये जो हड्डी के उपचार में सहायक होती है।
8. समय समय पर प्राथमिक उपचार बॉक्स में रखी गोलियों तथा दवाईयों की एक्सपायरी तिथी की जांच कर उन्हें बदलते रहना चाहिये।
No comments:
Post a Comment