Liability of Railway Administration for death and injury to passengers due to accidents
Section 123 – Definitions
1. Accident – means an accident of the nature described in section 124.
2. Untoward Accident – means any accident of the nature described in section 124 A.
Dependent means –
i. Husband, wife, son, daughter and in case the deceased passenger is unmarried or is a minor, his parent. Parent, minor brother or unmarried sister, widowed sister, widowed daughter-in-law, minor child of a predeceased son, if dependent wholly or partly on the deceased passenger.
ii. Minor child of a pre-deceased daughter, if wholly dependent on the deceased passenger.
iii. Paternal grandparents wholly dependent on the deceased passenger.
Section 124 - When in the course of Railway working, an accident occurs such as – collision between 2 trains or derailment of a train or any other accident, resulting in death of any passenger or injury to any passenger or loss to goods / luggage of any passenger, Railway Administration is liable to pay compensation at prescribed rates, whether or not there has been any wrongful act or neglect on its part.
Note – Passenger includes Railway servants on duty.
Section 124 A – If any passenger gets injured or dies during journey or in station premises due to terrorist activities, robbery, dacoity or riots, such incident will be treated as ‘untoward incident’. Accidental fall from any train is also included in it. Railway Administration is liable to pay compensation at prescribed rates to passengers who die or get injured in such untoward incidents, whether or not there has been any wrongful act or neglect on its part.
But compensation shall not be payable in following circumstances –
1. Suicide or attempted suicide by him,
2. Self-inflicted injury,
3. His own criminal act,
4. Any act committed by him in a state of intoxication or insanity,
5. Any natural cause or disease, medical or surgical treatment unless such treatment becomes necessary due to that accident.
“Passenger” includes the following –
a. Railway servant on duty,
b. A person who has purchased a valid ticket or platform ticket.
Section 125 – Application for compensation – An application for compensation under section 124 may be made by the following–
1. By the person who has sustained the injury or suffered any loss,
2. By an agent authorized by such person,
3. If such person is a minor, by his guardian,
4. In case of death – by any dependent, where dependent is a minor, by his guardian.
Every application by a dependent for compensation shall be for the benefit of every other dependent.
Section 126 – Interim relief by Railway Administration – Where a person who has applied for compensation under section125 desires to be paid interim relief, he shall apply to the Railway Administration enclosing a copy of the original application. If Railway Administration is satisfied with circumstances of applicant, he may be given interim relief. Amount of interim relief should not exceed the amount of compensation payable. A copy of order of interim relief shall be sent to RCT. Amount of interim relief shall be adjusted in the amount of Compensation.
Section 127 – The rates of compensation payable in respect of any injury or any loss of goods shall be determined by RCT.
Section 128 – The right of any person to claim compensation under section 124 shall not affect his right to recover compensation payable under Workmen’s Compensation Act, 1923. But no person shall be entitled to claim compensation more than once in respect of the same accident. It shall also not affect the right of any person from receiving any sum under any insurance policy or any other contract or scheme.
Section 129 – The central Government may, by notification, make rules regarding this chapter. In particular such rules may provide for –
a. Compensation payable for death,
b. Nature of injuries for which compensation shall be paid and the amount of such compensation.
Ex-gratia – Bonafide passengers involved in train accidents, shall be paid exgratia
relief as under -
1. Death – Rs.50, 000/-
2. Serious Injury - Rs.25,000/-
3. Normal injury - Rs.5,000/-
In case of accidents at manned level crossings & untoward incidents due to prima-facie responsibility of Railways, ex-gratia amount will be as under –
1. Death – Rs.15,000/-
2. Serious Injury - Rs. 5,000/-
3. Simple injury - Rs, 500/-
Ex- gratia payments should also be made to railway servants killed or injured by moving train while performing their duty, eg – Gangman working on train run over accidentally by a moving train.
Above amount will not be included in compensation amount, exception – road users at manned level crossing.
No ex-gratia payment would be admissible to trespassers, persons electrocuted by OHE and road users at unmanned level crossings.
यात्रीयों के रेल दुर्घटना में घायल अथवा मृत्यु होने पर रेल प्रशासन का दायित्व
धारा 123-परिभाषाएँ
1. दुर्घटना से धारा 124 में वर्णित प्रकार की दुर्घटना से है।
2. अनहोनी घटना से धारा 124 A में वर्णित किसी भी प्रकार की घटना से है।
3. आश्रित का अर्थ-
a. पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री और मृत यात्री यदि अवयस्क अथवा अविवाहित हो तो उसके माता पिता.
b. माता पिता, अवयस्क भाई या अविवाहित बहन, विधवा बहन, विधवा पुत्रवधू, पूर्व मृत पुत्र की अवयस्क संतान यदि मृत यात्री पर पूर्णतया या आंशिक रुप से निर्भर हो ।
c. पूर्व मृत पुत्री की अवयस्क संतान यदि मृत यात्री पर पूर्णतया निर्भर हो।
d. मृत यात्री के दादा दादी यदि उस पर पूर्णतया निर्भर हो।
धारा 124-गाडी परिचालन के दौरान होनेवाली दुर्घटना जैसे दो गाडीओं के बीच टक्कर, गाडी के पटरी से उतर जाने या किसी अन्य प्रकार की दुर्घटना के कारण किसी यात्री की मृत्यू हो जाती है या कोई यात्री घायल हो जाता है या किसी यात्री के माल / सामान को हानि होति है तो रेल प्रशासन को निर्धारित मुआवजा देना होंगा, चाहे रेल प्रशासन की ओर से कोई दोषपूर्ण कार्य या उपेक्षा हुआ हो या न हुआ हो।
नोट - ऑन ड्युटी रेलवे कर्मचारी भी यात्री के रुप में शामिल है।
धारा 124 ए - यदि कोई यात्री यात्रा के दौरान या स्टेशन परिसर में आतंकवादी क्रियाकलाप, लूट, डकैती या दंगो में घायल अथवा मृत होता है तो ऐसी घटना अनहोनी मानी जाएगी। किसी गाडी से दुर्घटनावश गिरना इसमें शामिल है। ऐसी अनहोनी घटनाओं में घायल अथवा मृत यात्री को रेल प्रशासन को निर्धारित मुआवजा देना होंगा, चाहे रेल प्रशासन की ओर से कोई दोषपूर्ण कार्य या उपेक्षा हुआ हो या न हुआ हो। परन्तुनिम्नलिखित परिस्थितीयों में मुआवजे का भुगतान नहीं किया जायेगा -
1. उसके व्दारा आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास,
2. उसके व्दारा स्वयं को पहुंचाई गई चोट,
3. उसका अपना आपराधिक कृत्य,
4. ऐसा कोई कार्य जो नशे की हालत में या उन्मतता की दशा में किया गया हो,
5. कोई प्राकृतिक कारण या बीमारी, चिकित्सकीय या शल्य इलाज, जब तक ऐसी चिकित्सा को उस दुर्घटना के कारण कराया जाना आवश्यक न हो।
"यात्री" के अन्तर्गत निम्नलिखित आते हैं -
a. कार्यरत रेल सेवक,
b. ऐसा व्यक्ति जिसने वैध टिकट या प्लेटफार्म टिकट खरीदा हो ।
धारा 125 - क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन धारा 124 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति हेतु आवेदन आर.सी.टी. में निम्न व्दारा किया जा सकता है -
1. उस व्यक्ति व्दारा जिसे चोट लगी हो या किसी प्रकार की हानि हुई हो,
2. ऐसे व्यक्ति की तरफ से नियुक्त एजंट व्दारा,
3. अवयस्क होने पर संरक्षक व्दारा,
4. मृत्यु होने पर आश्रित व्दारा, यदि आश्रित अवयस्क हो तो उसके संरक्षक व्दारा ।
मुआवजे के लिए किसी आश्रित व्दारा किया गया प्रत्येक आवेदन प्रत्येक अन्य आश्रित के फ़ायदे के लिए होगा।
धारा 126 - रेलवे प्रशासन द्वारा अन्तरिम राहत यदि कोई व्यक्ति धारा 125 के अंतर्गत मुआवजे के लिए किये गये आवेदन में अंतरिम राहत चाहता है, तो इसके लिए रेल प्रशासन को मूल आवेदन की प्रति सलग्न करते हुए आवेदन करना होंगा। यदि रेल प्रशासन जाँच के बाद आवेदक की परिस्थितियों से संतुष्ट होता है, तो उसे अंतरिम राहत दी जा सकती है। अंतरिम राहत की राशि धारा 124 के अंतर्गत दी जानेवाली निर्धारित मुआवजे की राशी से अधिक नही होनी चाहिए। अंतरिम राहत की आदेश की प्रति आर.सी.टी. को भी दी जाएगी। अंतरिम राहत राशि को मुआवजे की राशि में समायोजित किया जाएगा
धारा 127-किसी चोट या किसी माल का नुकसान होने के मामले में मुआवजे का निर्धारण आर.सी.टी. व्दारा किया जाएगा।
धारा 128 -धारा 124 के अंतर्गत मांगे गये मुआवजे के कारण किसी भी व्यक्ति को कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत मिलनेवाले मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता। लेकिन एक दुर्घटना के मामले में एक से एक बार मुआवजा नहीं मांगा जा सकता है। उपरोक्त प्रावधान किसी भी व्यक्ति को किसी बीमा पॉलिसी या किसी करार या स्कीम के अंतर्गत मिलनेवाली राशि से वंचित नहीं करेगा।
धारा 129 - संघ सरकार इस अध्याय के संन्दर्भ में अधिसूचना जारी कर नियम बना सकती है। विशेषतः यह नियम निम्न विषयों के लिए होंगे -
a. मृत्यु के लिए देय मुआवजा,
b. उन क्षतियों / चोटों की प्रकृति जिनके लिए मुआवजा दिया जाएगा एवं मुआवजे की राशि ।
अनुग्रह राशी
अनुग्रह राशी (धारा 124)एवं अनहोनी घटना (124A) के मामले में
अनुग्रह राशि-(धारा 124) ऐसे अधिकृत यात्री जो रेल दुर्घटना भाग होते हैं, तथा मानवसहित लेव्हल क्रॉसिंग पर दुर्घटना होने पर को निम्न दर से अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा -
1. मृत्यु - रु. 50,000/-
2. गंभीर चोट - रु. 25,000/-
3. साधारण चोट रु. 5000/-
अनहोनी घटना (124A) के मामले में, जिसके लिए प्रथम दृष्टि से रेलवे जिम्मेदार हो अनुग्रह सहायता निम्न दर से होंगी -
2. गंभीर चोट - रु. 5000/-
3. साधारण चोट रु. 500/-
अनुग्रह राशि का भुगतान ऐसे रेल सेवकों को भी किया जाएगा जो कार्य के दौरान चलती गाडी से घायल हो जाते है या उनकी मृत्यु हो जाती है, जैसे गैंगमेन रेलवे लाईन पर कार्य करते समय गाडी से कुचल दिया जाता है। उपरोक्त राशी को क्षतिपूर्ति राशि में शामिल नहीं किया जाएगा, अपवाद मानवसहित लेव्हल क्रॉसिंग के पथिक।
अनाधिकृत रूप से रेल सीमा में प्रवेश किए हुए व्यक्ति, ऊपरी उपस्कर से प्रभावित व्यक्ति तथा मानवरहित लेव्हल क्रॉसिंग के पथिकों को अनुग्रह राशी का लाभ नही दिया जायेगा।
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