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Courtesy

Courtesy:- 

 The meaning of courtesy is humble, manners and helpfulbehaviour. Courtesy is the relationship between good people courtesy is inherent in a human being since childhood otherwise due to his bad behaviour he will destroy his name as well as the name of the department and also of the Indian Railway. Indian Railway is the property of Indians. The main object of Railway is to serve people and then to earn profit Indian Railway sales transportation services. As such the business of railway is fully depend upon the co-operation of public. For getting the co-operation from the public the courteous behaviour of railway employees is essential. 

The “Conduct rules for Railway employees” are published by Railway Administration time to time. Some important conduct rules are as under

1. Each employee should be present timely for duty. 

2. He should be in proper uniform. Uniform should be neat and clean.

 3. Name plate and badge should be on uniform. 

4. The correct information should be given to the customer. 

5. To satisfy the Railway users and solve their complaints and grievances.

 6. Senior employees must create a good example for junior railway employee. 

7. A railway user is not an obstruction in our working but he is the important part of our function. Each passenger has right to get the co-operation from the railway employees, hence he should be provided proper guidance and information.

 8. Railway passengers are always in hurry hence their problem/difficulty must be listened carefully and solved accordingly. 

9. One sweet and soft word can minimize the anger. This sentence should always be remembered.

10.The majority of travellers on Indian Railway is of second class, to whom railway administration is unable to provide all the required facilities and that it’s why this class is always unsatisfied. Hence the travellerof this class should always be handled with courteous and helpful manners. 

Courtesy is the foundation of Public goodwill. Courteous person always behave with courtesy in all circumstances. Railway customer is our guest from the time he enters Railway premises, till he leaves Railway premises. Hence all facilitiesand servicesprovided by Railway Administration should be given to him. 

 With the courteous behaviour the employee can increase the Goodwill as well as name of Zonal Railway and Indian Railway. Courtesy week is organized by Railway in every year from 10th to 16th April.. 

सौजन्यता -


सौजन्यता का अर्थ है विनम्रता, शिष्टाचार एवं सहायतापूर्ण व्यवहार. शिष्टाचार शिष्ट जनों के आचरण को कहा जाता है. इस प्रकार सौजन्यता भले लोगो का आपसी व्यवहार है. सौजन्यता यह गुण मनुष्य में बचपन से ही होता है, अन्यथा वह अपने दोषपूर्ण व्यवहार से स्वयं को कष्टवादी सिध्द करता है और साथ में अपने परिवार का नाम भी बदनाम करता है. यदि रेल कर्मचारी दोषपूर्ण व्यवहार करता है तो वह केवल अपना ही नही अपने विभाग का और पूरे रेल का नाम बदनाम करता है.
भारतीय रेलवे भारतीय जनता की सम्पत्ति है. रेलवे को जनता की सेवा के लिये चलाया जाता है भारतीय रेल का पहला उद्देश्य जनता की सेवा करना और बाद में लाभ कमाना है. भारतीय रेल जनता को अपनी सेवाये बेचती है, अर्थात रेल का यातायात जनता के सहयोग पर निर्भर है. जनता का सहयोग प्राप्त करने के लिये सौजन्यतापूर्ण व्यवहार हमारे कार्य का प्रमुख अंग है, इसीलिए रेल - कर्मचारी को सौजन्यतापूर्ण व्यवहार रखना चाहिये.

रेल प्रशासन व्दारा समय - समय पर "रेल कर्मचारी के नियम" प्रकाशित किये जाते है जिससे रेल कर्मचारियो को अवगत कराया जाता है. इसमें से आचरण के कुछ प्रमुख नियम निम्नलिखित है -

1. रेल कर्मचारियों को कार्यालय में सही समय पर उपस्थित होना चाहिये.
2.वर्दी पहनकर आना चाहिये. वर्दी साफ़ - सुथरी होनी चाहिये.
3.वर्दी पर नेम प्लेट और बिल्ला लगाना चाहिये.
4.रेल उपभोक्ता को सही मार्गदर्शन और सही जानकारी मिलनी चाहिये.
5. रेल उपभोक्ताओ की शिकायतों और कठिनाइयों का समाधान करना चाहिये.
6. वरिष्ठ रेल कर्मचारी को, कनिष्ठ रेल कर्मचारी के लिये एक अच्छा उदाहरण बनना चाहिये.
7.रेल उपभोक्ता हमारे कार्य बाधक नही है, परन्तु हमारे कार्य का प्रमुख अंग है प्रत्येक यात्री रेल कर्मचारियों से हर संभव सहायता प्राप्त करने का अधिकारी है. इसीलिये उन्हें सही जानकारी एवं सही मार्गदर्शन देना चाहिये.
8.रेल यात्री हमेशा जल्दी में होते है इसलिये उनकी कठिनाई को ध्यानपूर्वक सुनकर उनका समाधान करना चाहिये.
9.एक मधुर एवं कोमल शब्द सारे क्रोध को दूर कर सकता है, इस वाक्य को सदैव याद रखना चाहिये और उपयोग में लाना चाहिये. भारतीय रेल पर अधिकांश भाग व्दितीय श्रेणी के यात्रियों का होता है, जिन्हें आम तौर पर सभी सुविधाएँ प्रदान नही की जा सकती इसलिये यह वर्ग हमेशा मानसिक रूप से असंतुष्ट रहता है.इसलिये ऐसे यात्रियों से हमेशा सहायतापूर्ण सौजन्यतापूर्ण व्यवहार करना चाहिये.
10. सौजन्यता सार्वजनिक सद्भावना की आधारशिला है. सौजन्य व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में सौजन्य ही रहता है. रेल कर्मचारियों को सौजन्यता की अपनी आदत बनाती चाहिये. रेल यात्री जिस वक्त रेल सीमा में प्रवेश करता है और जब तक रेल सीमा से बाहर नही हो जाता तब तक वह रेल प्रशासन का मेहमान है. रेल प्रशासन व्दारा दी गई सभी सेवाएँ और सुविधाएँ उसे प्रदान की जानी चाहिये.


सौजन्यतापूर्ण व्यवहार से रेल कर्मचारी अपना नाम उंचा कर सकते है. अपने क्षेत्रीय रेक के साथ - साथ भारतीय रेल का नाम भी ऊँचा कर सकते है. भारतीय रेल पर प्रतिवर्ष 10 अप्रैल से 16 अप्रैल तक सौज्यता सप्ताह मनाया जाता है.

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