Section 76 of Railway Act –
According to this section delivery of goods will be granted on surrender of proper railway receipt. If Railway Receipt is not forth coming the delivery of goods may be granted or the execution of indemnity bond.
Section 77 of Railway Act -
According to this Section, It a consignment is claimed to by two or more persons, delivery will be withheld. Delivery may be granted to the person who executes an Indemnity Bond.
Section 80 of Railway Act -
According to this Section the delivery will be granted to the person presenting the railway receipt. The person producing the railway receipt is owner of goods or not and the endorsement on railway receipt is forged or otherwise, is not the responsibility of Railway administration.
रेल अधिनियम धारा 76:-
इस धारा के अनुसार उचित रेलवे रसीद प्रस्तुत करने पर माल की सुपुर्दगी दी जायेगी। रेलवे रसीद प्रस्तुत करने में असमर्थ होने पर क्षतिपूर्ति पत्र के आधार पर माल की सुपुर्दगी दी जायेगी।
रेल अधिनियम धारा 77:-
इस धारा के अनुसार जब किसी प्रेषण की सुपुर्दगी दो या अधिक व्यक्तियो व्दारा मांगी जाती है तो सुपुर्दगी रोक दी जायेगी और जिस व्यक्ति व्दारा क्षतिपूर्ति पत्र भरकर दिया जायेगा उस व्यक्ति को माल की सुपुर्दगी दे दी जायेगी।
रेल अधिनियम धारा 80:-
इस धारा के अनुसार रेलवे रसीद प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति को सुपुर्दगी दी जायेगी। रेलवे रसीद प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति माल का मालिक है या नहीं रेलवे रसीद पर किया गया पृष्ठांकन सही है या नहीं इसकी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की नहीं होगी।
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