Public Private Partnership (PPP)
1. PPP (Public Private Partnership) is a new financial management concept to tackle the shortage of funds for quality and capacity enhancement and infrastructure development projects of Indian Railways. It combines the advantages of public and private sector.
2. 'P.P.P.' cell has been formed in railway to attract private investment.
3. The 'PPP' project is implemented under the concessional agreements like BT, BOT, BOOT, BOLT, RM, RMT, ROMT etc.
4. Railways want to make partnership with private sector at railways terms and condition and in interests of customer.
5. Many areas have been selected for public-private partnership in Railways, which are as follows:
1. The steps taken in this area are SPV, RLDA, CONCOR, IRCTC, RVNL etc.
2. Container train operation, construction of private siding, inland container depot and rail side warehousing.
3. Private operators have been allowed to run container services.
4. Catering services, hotels and food plaza.
5. Construction of Dedicated Freight Corridor,
6. Commercialization of vacant lands,
7. Establishment of production units for the manufacturing of engines, coaches / coaches (SPW / SPV)
8. Establishment of Multimodal Logistic Park,
9. Liberalized wagon investment scheme,
10. WLC
11. T.D.S.
12. P.F.T.
13. S.F.T.O.
14. A.F.T.O.
15. Ancillary Automobile Hubs
16. High speed corridor
17. Modernization of metro and mini stations as a world class stations with modern passenger amenities in them.
18. Connecting port and SEZ to rail.
19. High speed corridor
20. Development of Agro Retail Outlets and Supply Chain
21. Establishment of super multi-specialty hospitals
22. Construction of ICD and Rail Side Warehouse
23. R.U.B., R.O.B.
24. Expansion of network and production capacity
25. IRCTC- Budget Hotel, Food Plaza, Food Court, Fast Food Unit, Luxury Tourist Train, Call Centre, Statistic and On Board e-catering facilities
सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP):
1. सार्वजनिक निजी भागीदारी यह एक वित्तिय प्रबंधन संकल्पना है, जो अभिसंरचना की गुणवत्ता एवं क्षमता परिवर्तन कार्यों में लगने वाले व्यय की कमी को दुर करता है।
2. निजी निवेश को आकर्षित करने के लिये 'पी.पी.पी.' सेल का गठन किया गया है।
3. 'पी.पी.पी.' प्रोजेक्ट कंसेशनल अग्रीमेंट जैसे केऐ BT, BOT, BOOT, BOLT, RM, ROMT आदि के तहत लागु किये जाते है।
4. रेल्वे निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी अपनी शर्तों पर रेलवे एवं ग्राहक के व्यापक हित में करना चाहती है।
5. रेल्वे मे सार्वजनिक निजी भागीदारी के सहयोग के लिये बहुत से क्षेत्र चुने गये है जो निम्नलिखित है:-
1. SPV, RLDA, CONCOR, IRCTC, RVNL आदि इस क्षेत्र में उठाये गये कदम हैं।
ii. कन्टेनर ट्रेन आपरेशन, प्राइवेट साइडिंग का निर्माण, इनलैण्ड कन्टेनर डिपो तथा रेल साइड वेयर हाउिसंग।
iii. प्राइवेट आपरेटर्स को कंटेनर सेवा चलाने की अनुमति दी जा चुकी है।
iv. कैटरिंग सेवा, होटल तथा फूड प्लाजा
v. डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर का निर्माण,
vi. खाली पड़े जमीनों का कमर्शियलाइजेशन,
vii. इंजन, कोच डिब्बों / (SPW/SPV) के निर्माण के लिए यूनिटों की स्थापना.
viii. मल्टीमॉडल लोजिस्टिक पार्क की स्थापना,
ix. उदारीकृत वैगन निवेश योजना,
x. वैगन पट्टेपर देने की योजन,
xi. टी.डी.एस.
xii. पी.टी.एफ.
xiii. एस.ओ.टी.एफ.
xiv. ए.ओ.टी.एफ.
xv. एंशिलियरी हब
xvi. हाय स्पिड कोरिडोर
xvii. मेट्रो एवं मिनी स्टेशनो का आधुनिकरण एवं उनमे विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओ की व्यवस्था।
xviii. पोर्ट तथा सेज को रेल से जोडना।
xix. हाय स्पीड कोरीडोर
xx. अग्रो रिटेल आऊटलेट एवं सप्लाय चेन का विकास
xxi. सुपर मल्टि स्पेशालिटी अस्पतालो कि स्थापना
xxii. आय सी डी तथा रेल साईड वेअर हाऊस का निर्माण
xxii. आर.बी.यु., आर.बी.ओ.
xxiv. नेटवर्क एवं उत्पादन क्षमता का विस्तार
xxv. आय.आर.सी.टी.सी. बजट होटल, फुड प्लाझा, फुड कोर्ट, फास्ट फुड युनिट, लक्झरी टुरिस्ट ट्रेन, कॉल सॅन्टर, स्टेटिक एवं ऑन बोर्ड खानपान सुविधाये
No comments:
Post a Comment