ROLL ON ROLL OFF SCHEME (RORO):-
1. Roll on Roll off a Western Concept that helps in transporting goods faster. RORO scheme was started in January 26, 1999 on the Konkan Railway.
2. Under this scheme, the truck can be run on rail track and road. This system has been run on Kolard - Surathkal (734 km) section by Konkan Railway Corporation Limited.
3. In this system, a loaded truck can be rolled on from consignor’s station and Roll off to consignee’s station by the train.
4. It is mainly run on the Mumbai-Mangalore section.
5. There is no requirement of warehouse in this scheme, only loup line, ramp and approach road is required.
6. The loading and unloading is completed in 2 hour.
7. In any situation, the gross weight of the track should not exceed the wagon's PCC.
8. Service Tax and Other Taxes / Surcharge / Cess will be taken as per rules
9. All other rules of the commercial department will be applicable.
10. Wagon to be used- RORO requires the necessary Modified BRN Wagon.
11. Permitted Person with truck - maximum 2 person
Benefits to customers:
1. Four actions- saving on both ends of loading, unloading.
2. Fuel saving of trucks. Save time because they have direct transportation.
3. Breakage of trucks, tire and other maintenance - The possibility of accidents is less.
4. Transport with guarantees at reasonable rates and increase in profit margin.
5. The system will be monitored every minute on the transportation of truck.
6. There will be 30 flat wagons for carrying 60 trucks with 10 tonne capacity of each truck.
Benefits of Railways:
1. Improvement in the wagon turn round, the highest stock utility - 1000km per day.
2. Loaded trucks are loaded on both ends in RORO.
3. No need of warehouse and less terminal detention.
4. There is no additional over head cost.
5. Infrastructure is not required.
7. Increase in income without additional investment.
8. Railways will have no responsibility for damage to the goods, losses; leakage etc. and the claims on the railway will be reduced.
रोल आन रोल ओफ योजना RORO
1. रोल आन रोल ओफ एक पश्चिमी संकल्पना है जो माल को शीघ्र परिवहन किये जाने में
सहायता करती है। जनवरी 26, 1999, को कॉकण रेलवे पर शुरू।
2. इस योजना के अंतर्गत ट्रक को रेल पटरी तथा सड़क दोनों पर चलाया जा सकता है। यह प्रणाली कोंकण रेलवे कार्पोरेशन व्दारा प्रयोग के आधार पर (कोलार्ड सुरथकाल )734 किमी खंड पर चलाया गया है।
3. इस प्रणाली में एक लोड किये गये ट्रक को गाड़ी व्दारा कंसाइनर के स्टेशन से रोल आन करके कंसाइनी के स्टेशन पर रोल आफ किया जा सकता है।
4. मुख्य रूप से इसको मुम्बई मंगलौर खंड पर-चलाया जाता है।
5. RORO में माल गोदाम की आवश्यकता नही, केवल लुप लाईन रॅम्प एवं अप्रोच रोड की F आवश्यकता होती है।
6. लदान / उतरान 2 घंटो मे पुर्ण होता है।
7. किसी भी परिस्थिति में ट्रॅक का ग्रॉस वजन वैगन की PCC से अधिक नही होना चाहिये।
8. सर्विस टॅक्स एवं अन्य टॅक्सेस, एवम अन्य टॅक्सेस आदि नियमानुसार लिये जायेंगे।
9. वणिज्य के अन्य सभी नियम लागु होंगे।
10. उपयोग में लाने वाले वैगन RORO को आवश्यक मॉडिफाईड BRN वैगन ।
11. ट्रक के साथ अधिकतम 2 व्यक्ति अनुमतित है।
ग्राहकों को लाभ
1. लोडिंग, अनलोडिंग, की दोनों छोरों पर बचत।
2. ट्रक के ईंधन की बचत। समय की बचत क्योंकि इनकी सीधी यात्रा होती है।
3. मँहगे ट्रकों की टूटफूट, टायर एवं अन्य रखरखाव की बचत।-
4. उचित दरों पर गारंटी के साथ परिवहन । प्रॉफिट मर्जिन मे बढोत्तरी।
5. इस प्रणाली के व्दारा ट्रक के चालन पर प्रत्येक मिनट निगाह रखी जायेगी।
6. प्रत्येक गाड़ी में 60 ट्रक 10 टन क्षमता वाले ढोने के लिए, 30 फ्लैट डिब्बे होगें।
रेल्वे को लाभः
1. टर्न राऊंड में सुधार, अधिकतम स्टॉक उपयोगिता 1000 km प्रति दिंन।
2. RORO मे दोनो तरफ से लोडेड ट्रॅक का लदान किया जाता है।
3. माल गोदाम की आवश्यकता नही है, टर्मिनल डिटेंशन कम।
4. कोई अतिरिक्त ओवर हेड कॉस्ट नही है।
5. इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नही है।
6. बिना अतिरिक्त निवेश के आय में बढोत्तरी।
7. रेलवे को माल की क्षति, नुकसान, लिकेज आदि की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी तथा रेलवे पर दावे कम होगें।
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