Police Warrant: - This warrant is issued to police personnel (excluding RPF personnel) while travelling on duty.
Jail Requisition:- This is issued by Jail superintendent to prisoners and police personnel, when prisoners are shifted from one jail to another or from jail to court.
Procedure for purchasing ticket: This warrant / Requisition are in two portions. On presenting both the portions in Booking office, ticket will be issued. Ticket no., class, number of passengers, fare, date, etc. particulars are written on both portions of the warrant / Requisition. Booking Clerk will sign and affix Station stamp on it. Fare will not be collected in cash. One portion of warrant / Requisition & ticket will be given to Passenger. Second portion will be sent to Accounts office as cash voucher. If detected travelling with un-exchanged warrant / Requisition, he will be treated as without ticket and charged accordingly.
पुलिस वारंट : रेलवे पुलिस कर्मियों को छोडकर अन्य पुलिस कर्मियों को जब ड्यूटी पर यात्रा करनी पडती है, तो उन्हें यह वारंट जारी किया जाता है. यह एक पुस्तक के रूप में बंधा होता है. एक ही पन्ने के तीन भाग होते है.
1) रिकार्ड 2) रेलवे 3) यात्री
जेल मांग पत्र : कैदियों को एक जेल से दुसरे जेल या जेल से न्यायालय तक ले जाने के लिये, कैदियों तथा पुलिस कर्मियों के लिए जेल अधीक्षक व्दारा यह किया जाता है.
पुलिस वारंट / जेल मांग पत्र के बदले टिकट प्राप्त करने की पध्दति :
यह वारंट / मांग पत्र दो भागो में होता है, दोनों भाग बुकिंग कार्यालय में प्रस्तुत करने पर टिकट जारी किया जायेगा. वारंट / मांग पत्र के दोनों भागो पर टिकट नंबर, श्रेणी, यात्रियों की संख्या, किराया, तिथि, इत्यादि विवरण लिखकर बुकिंग क्लर्क व्दारा हस्ताक्षर किये जायेगे तथा स्टेशन की मुहर लगाई जायेगी. किराया नगद में नही लिया जायेगा. वारंट / मांग पत्र का एक भगव टिकट यात्री को दिया जायेगा. दूसरा न लेकर यात्रा करते हुये पाये जाने पर बिना टिकट यात्री मानकर प्रभारित किया जायेगा.
पुलिस व्दारा यात्रियों को मार्ग में रोकना : यात्रा दौरान किसी यात्री को रेलवे पुलिस व्दारा रेलवे से संबधित मामले में गवाही देने या किसी जाँच हेतु मार्ग में किसी स्टेशन पर रोका जाता है, तो पुलिस व्दारा जारी प्रमाणपत्र के आधार पर स्टेशन मास्टर व्दारा उसी टिकट पर आगे की यात्रा जारी रखने हेतु प्रष्ठकन किया जायेगा. मूल प्रमाणपत्र यातायात लेखा कार्यालय को भेजा जायेगा.
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